7/28/12

फिल्म ' क्या कूल हैं हम

फिल्मों की मार्केटिंग और प्रमोशन में एकता कपूर भले ही हमेशा नए-नए हथकंडों का इस्तेमाल करती हैं। बावजूद इसके उनकी फिल्मों की कहानी और पटकथा में वजन बरकरार रहता है।
लेकिन फिल्म निर्माता एकता कपूर की इस सप्ताह रिलीज हुई फिल्म 'क्या सुपर कूल हैं हम' आपको जरूर निराश करेगी।
हालांकि एकता कपूर ने 'क्या सुपर कूल हैं हम' के प्रमोशन पर भी खूब पैसे खर्च किए है, लेकिन फिर भी फिल्म की बॉक्स ऑफिस ओपनिंग ठंडी रही है। क्योंकि पटकथा के साथ-साथ निर्देशक सचिन यार्डी का निर्देशन भी औसत ही है।
जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि एकता कपूर की इस फिल्म में काफी बोल्ड औऱ डबल मीनिंग डायलॉग हैं, लेकिन फिल्म ' क्या कूल हैं हम ' के मुकाबले इसकी कहानी बेमजा है। हम कह सकते है कि यह फिल्म क्या कूल हैं हम के आसपास भी नहीं ठहरती है।
हां, अगर आप डबल मीनिंग डायलॉग और बोल्ड सीन्स के शौंकीन हैं तो आपको यह फिल्म जरूर भा सकती है, लेकिन यदि आप कम्पलीट पैकेज यानी रोमांस, मारधाड़ और कॉमेडी देखना चाहते हैं तो निराशा ही आपके हाथ लगेगी।
इस फिल्म में बहुत कुछ ऐसा है, जिसे आप नई-नई गर्लफ्रेन्ड के साथ भी देखना पसंद नहीं करेंगे। वहीं फैमिली के साथ तो इसे देखा ही नहीं जा सकता है। क्या सुपर कूल हैं हम की कहानी पुरानी कहानी का ही विस्तार कहें तो गलत नहीं होगा।
आदि ( तुषार कपूर ) और सिड ( रितेश देशमुख ) नामक दो दोस्त अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई आते है, लेकिन संघर्ष के अलावा उन्हें अभी तक कुछ नहीं मिल सका है।
ग्लैमर इंडस्ट्री में कैरियर बनाने का इच्छुक आदि को टेलीशॉपिंग ऐड के अलावा अभी तक कोई प्रोजेक्ट नहीं मिल सका है, जिससे वह काफी निराश है जबकि उसका दोस्त सिड नामी डीजे बनकर दौलत कमाना चाहता है, लेकिन प्राइवेट पार्टियों में छोटे-छोटे परफॉर्मेंस के अलावा करने को कुछ नहीं मिल पाया है।
यही नही, ज्यादा कमाई नहीं होने से कभी- कभी दोनो को महीने के कुछ दिन कड़की में गुजारने पड़ते है, लेकिन एक पालतू डॉगी सकरू, जो कि एक स्पर्म डोनर है से उनकी गाड़ी पटरी पर आ जाती है।
स्पर्म डॉनर डॉगी सकरू की शहर की हाई सोसायटी में बड़ी डिमांड भी रहती है। लेकिन इस बीच एक दिन आदि की मुलाकात एक मशहूर टेरो कार्ड रीडर से होती है और उसे पता चलता है कि एस नाम से शुरू होने वाली लड़की उसकी सूखी जिंदगी में बहार ला सकती है।
फिर क्या अगले ही दिन आदि एस नाम की लड़की की तलाश में जुट जाता है और जल्द ही उसकी मुलाकात सिमरन ( नेहा शर्मा ) से होती है और टैरे रीडर के मुताबिक उसी दिन उसे डायरेक्टर रोहित शेट्टी की फिल्म चिंघम में लीड रोल मिल जाता है।
आदि को लगता है सिमरन उसके लिए लकी है और वह अगली मुलाकात में ही सिमरन को प्रपोज कर देता है। लेकिन सिमरन उसे बताती है कि उसे लड़कों से ज्यादा लड़कियों में दिलचस्पी है यानी वह लेज़बियन है। पूरी फिल्म इसी ऊहापोह के बीच खत्म हो जाती है।
इस फिल्म में प्रमुख कलाकार है तुषार कपूर, रितेश देशमुख, नेहा शर्मा, सारा जेन डियास और अनुपम खेर जबकि फिल्म का संगीत दिया है एहसान, लॉय और सचिन - जिगर ने।

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